10 December 2013

कुछ सपने

नींद से जगा तो मगर कुछ सपने आँखों में रह गए थे |
सपने रात में टूटे तो मगर वो मेरी यादों में रह गए थे |
सोचा कि कह दूँ किसी से सपने  की बात,
पर कैसे कहता किसी से वो ऐसी बात कह गए थे |

मेरी बातों से आजिज दोस्त मुझे पागल बुलाते हैं |
मेरी हरकत से आजिज लोग मुझे अपने दर से भगाते है |
मेरी दीवानगी इस कदर हो गयी है लेकिन,
हैम लौट के फिर फिर उन्ही के दर पे आते हैं |
मुकम्मिल जिंदगी कैसे करूँ मैं यार बिन तेरे ,
यहाँ एक रात तो कटती नहीं तेरे सपने के बिना |



A BIT OF WISDOM




A bit of wisdom for your day 


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Only a Man understands another Man......






Only a Man understands another Man......
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Customer- I want to buy a Ladies Watch
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Shopkeeper- Sir, wife ke liye chahiye ?
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yaa phir Branded dikhaun...?



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