छलकता रहा उनके अधरो पर एक प्यार का सागर !
नज़रों में प्यास भर के हम बस उन्हे देखते रहे !!
तड़पता रहा दिल कोई फ़रियाद लिए मासूम सी !
एक आचमन को बस लब मेरे तरसते ही रहे !!
खिलके बिखरती रही चाँदनी सब तरफ़ फिजा में !
हम नजरों में उनकी प्यार की किरण को तक़ते रहे !!
बूँदे स्वाती की सीपी में जाके मोती बनी !
हम भी उनसे ऐसे मिलन को तरसते रहे !!
जलाते रहे दिल में प्यार की रोशनी !
अपने तक़दीर के अंधेरो से यूँ लड़ते रहे !!
कई ख़वाब सजते रहे इन बंद पलको में मेरी !
हम हर ख्वाब में उनसे मिलने को भटकते रहे !!
छलकता रहा उनके अधरो पर एक प्यार का सागर !
और हम बस एक आचमन को तरसते ही रहे !!
नज़रों में प्यास भर के हम बस उन्हे देखते रहे !!
तड़पता रहा दिल कोई फ़रियाद लिए मासूम सी !
एक आचमन को बस लब मेरे तरसते ही रहे !!
खिलके बिखरती रही चाँदनी सब तरफ़ फिजा में !
हम नजरों में उनकी प्यार की किरण को तक़ते रहे !!
बूँदे स्वाती की सीपी में जाके मोती बनी !
हम भी उनसे ऐसे मिलन को तरसते रहे !!
जलाते रहे दिल में प्यार की रोशनी !
अपने तक़दीर के अंधेरो से यूँ लड़ते रहे !!
कई ख़वाब सजते रहे इन बंद पलको में मेरी !
हम हर ख्वाब में उनसे मिलने को भटकते रहे !!
छलकता रहा उनके अधरो पर एक प्यार का सागर !
और हम बस एक आचमन को तरसते ही रहे !!