29 March 2014

सुनो , वो वक़्त अब आ ही गया है ..

सुनो , वो वक़्त अब आ ही गया है ,
जिसे ना चाहती थी तुम ,और ना मैंने चाहा था .

मुझे मालूम है , ये वक़्त बिलकुल भी आसाँ नहीं होगा ,
बहुत मुश्किल से गुजरेगा , मुझे ये भी पता है ,
ऐसे वक़्त की खातिर  बनी हैं , कितनी ही रवायतें ,
आओ ना ,एक नयी रवायत , हम भी बना लेते हैं ,
फिर उसे  हम भी निभा लेते हैं ,

आओ ना , देख लें एक दूसरे को हम  जी भर के 
हमेशा से ज़रा सा और ज्यादा  और फिर ऐसा करते हैं ,
के या तो तुम चूमने दो मुझको तुम्हारी पलकें 
इतनी शिद्दत से  के वो छपने लगें मेरे होंठों पे 
या फिर चूम लो तुम  मेरी पलकें  इतनी शिद्दत से 
के जलने लगें  तुम्हारे होंठ..

सुनो , ये वक़्त ए रुखसत है , और हमें रस्ते बदलने हैं 

 

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